फर्जी डिग्री मामले में हुए बड़े खुलासे, इन तीन लड़कियों ने भी रची साजिश
हिमाचल प्रदेश में फर्जी डिग्रियों का मामला सामने आने के बाद बड़े खुलासे हुए हैं। विधानसभा बजट सत्र के दौरान बुधवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सदन को सरकार की तरफ से अब तक की गई कार्रवाई से अवगत करवाया। आशुतोष निवासी बडाहला जिला ऊना ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि इंडस विश्वविद्यालय बाथू ने तीन लड़कियों को विवि में नौकरी दी।
 

नौकरी में हाजिरी लगाकर उन्हें नियमित छात्राओं के रूप में दाखिल दिखाकर डिग्री प्रदान की गई। इन डिग्रियों के आधार पर की गई नौकरी का अनुभव प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया। थाना हरोली में धारा 420, 468, 471 और 120बी आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।

 



ममता निवासी चरखी दादरी, हरियाणा ने थाना धर्मपुर सोलन में केस दर्ज कराया है। ममता ने बताया कि मानव भारती विश्वविद्यालय ने मनोविज्ञान में पीजी डिग्री में दाखिला लेने के बावजूद उसे फर्जी डिग्री प्रदान की है। मानव भारती विश्वविद्यालय के मालिक राजकुमार राणा के द्वारा राजस्थान के अबू रोड माउंटआबू में खोली गई माधव विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन की भी हिमाचल प्रदेश पुलिस ने तलाशी ली है।

तलाशी के दौरान 1376 खाली डिग्रियां, 14 मोहरें, चार डिस्पैच रजिस्टर, 50 माइग्रेशन सर्टिफिकेट, 199 खाली एनवेल्पर, 485 खाली पेपर हेड्स और 319 खाली डिटेल मार्क्स कार्ड मिले थे। पुलिस ने माधव विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन को सील कर दिया है।

एपीजी विश्वविद्यालय शिमला के संदर्भ में मिली शिकायत के आधार पर विजिलेंस विभाग की एसआईटी टीम जांच कर रही है। ठोस सुबूत मिलने पर  एपीजी विश्वविद्यालय पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।